AKULAHTE...MERE MAN KI
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अनजाना सफ़र है
अनजानी है राहें
मिल जाता जो
साथ तुम्हारा
चलना तो है
लम्बा सफ़र है
दूर बड़ी है मंजिल
पाना तो है
साथ किसी का
तुम आते तो
आसां होगी
जीवन की हर मुश्किल
बहोत देख लिये
मधुर जीवन के
सपने सुंदर सुंदर
थक गयी है अब
आखें अपनी
रास्ता तकते तकते
कब होगे
सब सपने अपने
मिल जाता जो
साथ तुम्हारा
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