Menu
blogid : 8762 postid : 52

कुछ भी तो नहीं बदलता…

AKULAHTE...MERE MAN KI
AKULAHTE...MERE MAN KI
  • 25 Posts
  • 686 Comments

कोई भी नहीं बदलता
चीजे भी नहीं बदलती
बदलती है तो फिजां
मौसम ,हवा, चेहरे
और सुख के मायने
अपने हिस्से की धुप झेलो
अपने हिस्से की हवा भी लेलो
अपनी जिंदगी जी लो
परोस में पीपल का पेर
नयी कोपलें, नए पंछी
मधुमखी का छत्ता
मैना, बुलबुल, गोरैया बसेरा सबका
अपने हिस्से की जमीं तलाशते लोग
बसेरा बसाने के जोदोजहद में
जैसी कीमत वैसा बसेरा
अपने हिस्से का सुख सवारते लोग
जिंदगी जीते लोग
जनम मरण का सिलसिला चलता रहता
कुछ भी तो नहीं बदलता
कुछ भी नहीं

 

 

 

 

 

 

 

Tags:   

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply